Joyful Lifestyle धन खर्च में दोहरी मानसिकता क्यों, एक अनुत्तरित प्रश्न Pramod Mehta, July 8, 2023July 8, 2023 Why do people show double standards in spending money? धन(money) खर्च में व्यक्ति अक्सर दोहरी मानसिकता अपनाता है। यहाँ पर दोहरी मानसिकता से तात्पर्य है कि, बड़े-बड़े खर्चे करते समय व्यक्ति कुछ बचाने की नियत नहीं रखता वहीं दूसरी ओर छोटे खर्चों के समय विक्रय करने वाले से बहुत मोल-भाव… Continue Reading
Positive Thinking हर समस्या के लिये ईश्वर को ही क्यों जिम्मेदार ठहराना? Pramod Mehta, June 15, 2023June 20, 2023 Why is God ‘always’ responsible? लगभग हर भारतीय नागरिक की यह मनःस्थिति है कि वह परेशानियों/समस्याओं/संकट के लिये ईश्वर(God) को जिम्मेदार मानता है, चाहे वह किसी भी धर्म का अनुयायी हो । पहले तो हम यह समझ लें की ईश्वर किसी का न तो अच्छा करते हैं न ही बुरा… Continue Reading
Healthy Mind परिग्रह/संग्रह की आदत, जीवन में आफत Pramod Mehta, May 22, 2023May 22, 2023 मानव में एक आदत बहुत पायी जाती है जिसका नाम है परिग्रह/संग्रह (clutter) करना । यह परिग्रह/संग्रह किसी भी प्रकार का हो सकता है चाहे वह धन का हो, वस्तुओं का हो, बुरी आदतों का हो या गलत धारणाओं का । इस आदत के कारण व्यक्ति लगभग हमेशा एक अद्रश्य… Continue Reading
Positive Thinking जीवन-दायिनी सिस्टर (नर्स) Pramod Mehta, May 12, 2023May 12, 2023 Life Savior Sister – Nurse नर्स (nurse) शब्द सुनते है हमारे ज़हन में सेवा के लिये समर्पित श्वेत वस्त्र धारी स्त्री की आकृति बन जाती है । भारत में महिला नर्स को सिस्टर/दाई आदि के रूप में जाना जाता है। इनकी सेवाओं के सम्मान में विश्व में 12-मई को अंतर्राष्ट्रीय… Continue Reading
Healthy Mind अहं विकास की बेड़ियाँ Pramod Mehta, June 30, 2022December 22, 2022 Shackles of Ego अहं/ego जिसका आरंभ एवं अंत ‘मैं’ (I) से ही होता है । जब व्यक्ति स्वयं को अधिक महत्व देता है और दूसरों से अधिक योग्य समझता है तो उसमें अहं आ जाता है कि, में श्रेष्ठ हूँ और इस अहं को वह आत्म-सम्मान (Self Respect) का रूप… Continue Reading