Mind & Body Detoxing Pramod Mehta, July 19, 2022December 22, 2022 मनुष्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता है निरोगी काया जिसके लिये विभिन्न उपाय समय समय पर किये जाते रहते है। प्राचीन काल से स्वस्थ रहने के लिये एक महत्वपूर्ण उपाय शरीर शुद्धिकारण किया जाता है और वर्तमान में यही प्रक्रिया कुछ बदलाव के साथ नये नाम से Detoxing ‘शरीर का विषहरन बहुत चलन में है। Detoxing की प्रक्रिया को करवाने के लिए भारत सहित दुनिया में कई संस्थान खुल गए हैं जो रोजगार एवं कमाई के अच्छे साधन भी हैं । मुख्य रूप से तो यह अभिजात्य वर्ग का शौक है । चूंकि यह ज्वलंत विषय हैं इसलिए में शरीर के साथ-साथ मन के detox पर भी विचार कर रहा हूँ। जीवनयापन के दौरान शरीर में कई विषेले रसायन बन जाते हैं जिनको निकालने की आवश्यकता पड़ती है । मानव शरीर में इन रसायनों के बनने के प्रमुख कारण हैं खान-पान का कुप्रबंधन (mismanagement of food), मानसिक तनाव एवं नकारात्मकता परंतु Detoxing क्या इन सभी को ठीक कर पता है एक महत्वपूर्ण प्रश्न है । दैनिक दिनचर्या में इस प्रक्रिया का पालन बहुत ही कठिन है इसलिये हमें जीवन प्रबंधन ही करना पड़ेगा । शरीर एवं मन को Detox करने के नौ रत्नों (देशी उपायों) का ज़िक्र कर रहा हूँ जो सरल, सहज, सुगम एवं आसान हैं। 1.खान-पान (food) – यदिपेट के विष को detox करना है तो खान-पान की आदतों का प्रबंधन करना ही पड़ेगा। इस भागती दौड़ती जिंदगी में व्यक्ति भोजन जो की प्रथम प्राथमिकता है को अंतिम प्राथमिकता दे रहा है । जब पेट के लिये सारे कर्म हैं तो उसकी उपेक्षा क्यो? अतः भोजन को पत्नि की तरह तवज्जो देना ही सुखी जीवन का राज़ है एवं ‘सफलता के आकाश को छूना है तो पेट को हल्का रखें‘ । 2.प्रकृति (nature) – प्रातः प्रकृति केमनोहारी वातावरण से मिलन, तन के विष (पसीना) को निकाल कर कुन्दन काया करने वाला ‘detox’ है । प्रकृति का लुत्फ लेने वाले से तनाव कोसों दूर रहता है। सन 1967 में बनी हिन्दी फिल्म हमराज का यह हिट गीत “हे नीले गगन के तले धरती का प्यार पले, ऐसे ही जग में आती हैं सुबहें, ऐसे ही शाम ढले।“ हमको प्रकृति की नज़दीक लाता है। 3.आध्यात्म (spiritual) मन की मलिनता के विष को निकालने वाली सबसे सरल ‘detox’ पद्धति है बस ज़रूरत है कि अन्य कर्तव्यों के समान इसको भी उतना ही महत्व दें तो संभव है मस्तिष्क की ऊर्जा हमको सही निर्णय लेने में सहायक होगी और सफलता की संभावना 100% रहेगी। 4.परिवार का साथ (family togetherness) यह भी हमेशा उपलभ्ध detox है जो प्रेम के अमृत से क्रोध के विष को निकालता है। परिवार के सदस्यों का तन (जीभ) एवं मन पर नियंत्रण ही detox है। 5.मित्रता (friendship) – यह detox का ऐसा उपाय है जो दुश्मनी के विषेले अवयव (content) को शरीर एवं मन से भाप की तरह उड़ा देता है। दोस्त हैं तो जहान है और हममें जान है। 6.त्याग की भावना (sacrificing spirit) यह लालच के ज़हर को detox कर देता है और व्यक्ति का मन निर्मल हो जाता है। गीता में कहा गया है कि, “परमात्मा को प्राप्त करने के लिये ‘त्याग’ ही मुख्य साधन है।“ त्याग की सबसे अच्छी मिसाल जैन साधू हैं। 7.सकारात्मक विचारधारा (Positive Attitude): यह नकारात्मकता रूपी सर्प के विश को ऐसे detox करता है जैसे अग्नि में जल कर लकड़ी राख़ हो जाती है । इस विश के निकलने के बाद मन राख़ के तरह हल्का हो जाता है। 8.साहनुभूति (sympathy) यह detoxing का ऐसा साधन है जिसका अद्रष्य प्रभाव हम पर पड़ता है क्योंकि इसका उपयोग दूसरों की भलाई के लिये होता है और हमको आंतरिक खुशी मिलती है जो गम के विश को हटाती है। 9.करुणा (kindness) यह मनुष्य की बीमारियों के दुःख को detox करती है क्योंकि जब-जब हम अपने दिल में प्राणियों के प्रति करुणा रखते हैं तो दिल एवं शरीर से बीमारी बाहर हो जाती और मन गदगद हो जाता है। में और मेरी पत्नि उपरोक्त सभी उपाय का पालन अपने जीवन में कर रहे है और 100% सफलता मिली है। सारांश में यदि प्रकृति की गोद में आध्यात्म का चश्मा लगाकर परिवार एवं मित्रों के साथ त्याग की भावना से सकारात्मक रुख़ अपनाएं तो साहनुभूति एवं करुणा के प्रकाशसे जीवन जगमगा उठे। जब हम स्वयं अच्छी जिंदगी जियेंगे तभी दूसरों को जीने देंगे । भगवान महावीर का संदेश भी इसी धारणा को पक्का करता है ‘जियो और जीने दो’ Healthy Mind Positive Thinking bhagwan MahaveerchemicalsDetoxingfamilyfoodfriendshipkindnesslife livinglife managementlocal treatmentmental tensionmismanagementnegativitynine gemspoisonpositive attitudeprioritiesrich societysacrificing spiritskysoulspiritualsuccesssympathytogethernesstummy