जीवन-दायिनी सिस्टर (नर्स) Pramod Mehta, May 12, 2023May 12, 2023 Life Savior Sister – Nurse नर्स (nurse) शब्द सुनते है हमारे ज़हन में सेवा के लिये समर्पित श्वेत वस्त्र धारी स्त्री की आकृति बन जाती है । भारत में महिला नर्स को सिस्टर/दाई आदि के रूप में जाना जाता है। इनकी सेवाओं के सम्मान में विश्व में 12-मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। मानव सेवा के लिये समर्पित विश्व की सबसे प्रसिद्ध नर्स, फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिन को नर्स दिवस के रूप में चुना गया था। अस्वस्थ या बीमार व्यक्ति की सेवा एवं देखभाल करने के लिये प्रशिक्षित नर या नारी ही नर्स है। एक प्रशिक्षित नर्स (nurse) में पेशेवर गुणों की साथ ही साथ कुछ विशेष भावनात्मक गुण भी बहुत आवश्यक होते हैं तभी वह एक सफल नर्स है। नर्स के गुणों को यदि मानव जिंदगी से जोड़कर देखें तो एक अलग ही अनुभव हमारे सम्मुख प्रस्तुत होता है। वृहद रूप से देखा जाये तो नर्स के गुण हर रिश्ते में विद्यमान होते हैं । असाधारण व्यक्तित्व की/के धनी नर्स मानव के जन्म से ही छाया के समान उसके साथ है। इस लेख में इसी संबंध में विचारण किया गया है। माँ की रूप में नर्स माँ समान है। दयालु होने का महान गुण माँ और नर्स(nurse) दोनों में ही कूट कूट कर भरा होता है। माँ अपने बच्चों,पति,भाई,बहन एवं परिवार के देखभाल जिस आत्मीयता से करती है ठीक वैसे ही एक नर्स भी अस्पताल के वार्ड में भर्ती हर उम्र के आदमी औरत एवं बच्चों के साथ उसी आत्मीयता से व्यवहार करके माँ समान होने का एहसास कराती है । माँ बच्चों की किसी भी तरह की सेवा से विमुख नहीं होती ठीक इसी तरह एक नर्स भी बिना किसी संकोच के तीमारदारी करने से नहीं हिचकिचाती है । माँ का तो बच्चों के साथ खून का रिश्ता होता है परंतु नर्स बिना रिश्ते के उसी भाव से सेवा करके माँ के समकक्ष हो जाती है। सेना के जवानों के रूप में जिन विषम परिस्थितियों में सेना के जवान देश के लिये समर्पित भावना से सीमा पर सीना ताने अपना कर्तव्य निभाते है ठीक इसी तरह नर्स(nurse) भी अस्पताल में न केवल गंभीर बीमारियों एवं छुआछूत रोग से ग्रस्त मरीज के लिये सम्मान से सेवा भाव के साथ अपना कार्य करके नर्स-सेना होने का एहसास कराती हैं। कोरोना के समय तो जो सेवा नर्सों के द्वारा दी गयी उसके लिये तो हर व्यक्ति उनका जन्म-जन्म का ऋणी हो गया है। समय प्रहरी के रूप में एक नर्स(nurse) समय की देवी भी कही जा सकती है । हर बीमार को बिल्कुल निश्चित समय पर चिकित्सक के निर्देशानुसार दवा/इन्जेक्शन आदि देकर वे समय-प्रहरी के रूप में जानी जाती हैं । 24 घंटे दिन हो या रात हमेशा सजग रहकर समय पर कार्य करना नर्सों से सीखा जा सकता है। कहा जाता है कि समय पर ईलाज़ मिल जाये तो जान बच सकती है और यह जान बचाने का कार्य केवल नर्स ही करती है। विश्वास की कसौटी नर्स(nurse) विश्वास की कसौटी पर बिल्कुल खरी उतरती हैं । अस्पताल में दाखिल कोई भी मरीज नर्स पर अटूट विश्वास रखता क्योंकि वह यह जानता है कि नर्स कभी भी गलत कार्य नहीं करती है और यही विश्वसनीयता बीमार व्यक्ति को दवा का काम भी कर देती है। धर्मनिरपेक्षता का संदेश नर्स ईलाज़ करते समय यह नहीं देखती की बीमार व्यक्ति किस जाति/धर्म का है। वह तो केवल मानव की सेवा करती है जो उसकी एक बहुत बड़ी खूबी है जिसके कारण सेवा के क्षेत्र में प्रख्यात है। नर्स(nurse) मरीजों में समता का भाव रखते हुए उनके साथ न्याय की देवी का भी कार्य करती है । करुणा का सागर एक नर्स(nurse) बीमार व्यक्ति के लिये हमेशा करुणा एवं सहानुभूति का भाव रख कर धैर्य से काम लेती है, अन्यथा बीमार व्यक्ति ठीक नहीं हो सकता है। जीवों के प्रति जैन धर्म के अनुयायियों में जो करुणा होती है वह नर्स में भी समाहित है और यही करुणा ईलाज़ में संजीवनी का कार्य करती है। धैर्य की मूर्ति नर्स(nurse) और धैर्य एक दूसरे के परिचायक हैं । अधिकांशतः बीमार व्यक्ति धैर्य खो देते हैं या दर्द सहन करने की क्षमता नहीं रहती है ऐसे समय नर्स ही धीराजता से कार्य करके मरीज को सांत्वना देती है। बीमार व्यक्ति रोग के कारण कितना भी परेशान करे परंतु नर्स कभी भी अपना धैर्य नहीं छोड़ती जो कि उसकी पहचान है। सभी सेवाओं में मानव सेवा ही सर्वोच्च स्थान रखती जो अधिकांशतः नर्सों(nurse) के द्वारा ही की जाती है। इस नोबल पेशे में अधिकांशतः महिलायें ही हैं क्योंकि उक्त सभी गुण उन्ही में मौजूद होते हैं। आम आदमी का कर्तव्य बनता है कि, वह इस पेशे से जुड़े लोगों को उचित सम्मान दे और उनकी प्रति सच्ची सहानुभूति रखे । इस लेख में उल्लिखित सभी तथ्य मेरे स्वयं के व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर हैं। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस की सभी सेवा भावी नर्सों को बहुत बहुत शुभकामनायें। सम्पूर्ण समाज आपकी लगन,परिश्रम,करुणा, धैर्य एवं विश्वास से की जा रही मानव सेवा के लिये हमेशा ऋणी रहेगा। इस बदलती दुनिया में, मानव सेवा करे वो महान है, बीमार की तकलीफों को दूर करे, वो ईश्वर के समान है, सेवा, सुविधा, सजगता ही नर्स की पहचान है | Celebrating Florence Nightingale’s Birthday as International Nurse Day! Positive Thinking blogblog on lifebloggercoronaCOVID-19doctorFlorence Nightinglegems of lifehospitalhuman serviceinternational nurse daylife experiencelife lessonslife preachingsMedical treatmentmothermotivationNursepatiencepositive attitudepositivityreliabilityself-respectsuccesstogetherness