अहं विकास की बेड़ियाँ Pramod Mehta, June 30, 2022December 22, 2022 Shackles of Ego अहं/ego जिसका आरंभ एवं अंत ‘मैं’ (I) से ही होता है । जब व्यक्ति स्वयं को अधिक महत्व देता है और दूसरों से अधिक योग्य समझता है तो उसमें अहं आ जाता है कि, में श्रेष्ठ हूँ और इस अहं को वह आत्म-सम्मान (Self Respect) का रूप देता है। यह आत्म-सम्मान कब अहं का रूप ले ले लेता है पता नहीं चलता । आत्म-सम्मान रखना अच्छी सोच है परंतु उसका अहं के रूप में होना उचित नहीं है। अहं के मुख्य सहयोगी हैं क्रोध, मान, माया एवं लोभ जिसके कारण व्यक्ति की इंद्रियाँ उसके क़ाबू में नहीं रहती हैं। गीता में बताया गया है कि, “मनुष्य अपने स्वयं का मित्र है और अपने स्वयं का शत्रु है। जिस मनुष्य नें इंद्रियों सहित शरीर जीत लिया है वह अपने स्वयं का मित्र है” अन्यथा शत्रु । अहं के कारण व्यक्ति की सोच स्थिर हो जाती है एवं इसको समाप्त करने वाले अस्त्र जैसे करुणा,विनम्रता और सहनशीलता लुप्त ( Vanish) हो जाते हैं। अहं/ego का एक सटीक उदाहरण है किसी परिचित ने देख कर भी अनदेखा कर दिया तो तुरंत हमारा अहं सामने आ जाता है कि, उसने मुझे महत्व (Importance) नहीं दिया में भी कुछ अहमियत (Value) रखता हूँ में इसको देख लुंगा । साथियों, जरूरी नहीं है कि आँखों एवं मस्तिष्क का बराबर ताल मेल हो क्योंकि कभी-कभी व्यक्ति देख कुछ और रहा होता है सोच कुछ और रहा होता है। साधु-संतों समय समय पर उपदेश देते हैं एवं अक्सर हम उसको अनदेखा कर देते हैं परंतु वे बिना कोई अहं रखे उपदेश देना जारी रखते हैं। रामायण और महाभारत में भी दो पुरुषों के अहं के कारण विनाश हुए । वर्तमान में भी हो रहे युद्ध के पीछे कहीं न कहीं व्यक्तिगत अहं की संतुष्टि है। कभी-कभी व्यक्ति को कोई उप्लभ्धि प्राप्त होती है तो भी उसको अहं हो जाता है। इसलिए कहा गया है कि, मनुष्य में प्रसिद्धि (Popularity) / उप्लभ्धि (Achievement) / धन (Prosperity) को पचाने (Digest) की क्षमता भी होनी चाहिए । सर्वोच्च पद धारण करने वाले भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति माननीय श्री A.P.J.Abdul Kalam, पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय श्री अटलबिहारी बाजपायी, एवं मदर टेरेसा अहं न रखने वालों की श्रेणी में उच्च स्थान पर हैं । ऐसी और भी महान हस्तियाँ है जो अपने आप में उदाहरण है । आज की पीड़ी (Today’s Generation) में अहं न होने के कई उदाहरण हैं, बड़े-बड़े package की नौकरी को छोड़ना कोई आसान निर्णय नहीं होता है फिर भी इस पीड़ी ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने बाद भी आम जनता के कल्याण (Welfare) के लिए नए नए संस्थान (Start up) प्रारम्भ किए हैं और यह तभी संभव हुआ जब इसके मूल (Root) में अहं अनुपस्थित (Absent) था । अहं विकास की बेड़ियाँ (Shackles) हैं और ऐसी बुराई को प्रारम्भ से ही पनपने नहीं देना जीवन का एक बहुत अच्छा कर्म है। यह तिरस्कार भाव को भी पैदा करता है एवं ऐसी मानसिकता गर्त (डाउन) में ले जाती है । सहनशीलता उन्नति (Progress) का मार्ग (Road) है तो अहं उस मार्ग की रुकावट। जिंदगी के मार्ग पर एक साइन बोर्ड लगा होना चाहिए “सावधान आगे खतरा (EGO) है”। अहं ग्रसित व्यक्ति अपने आप को हमेशा साम, दाम, दंड एवं भेद से सत्य साबित करने में लगा रहता है और वह इस तथ्य से परे है कि, सत्य को किसी प्रमाण के अवश्यकता ही नहीं होती । परिवार के सदस्यों में यदि अहं नहीं है तो ऐसा घर सचमुच में स्वर्ग कहलायगा । यह भी गौर करने वाली बात है कि, सभी पालकों (Parents) की कोशिश होती है कि उनकी संतान में यह अवगुण न हो । वर्तमान के एक बड़ी समस्या है सड़क दुर्घटनाएँ (Road Accident) और ये अधिकांश व्यक्ति के अहं के कारण ही होती हैं, क्योंकि एक नया-नया वाहन चालक भी अपने आप को अंतरराष्ट्रीय चालक मानने का अहं रखता है। अहं के कारण मन शांत नहीं रहता और संतुष्टि के लिए मस्तिष्क में उथल पुथल (Chaos) मची रहती और यही प्रवृति (Tendency) कई बीमारियों की ओर धकेलती है जैसे उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), मधुमेह (Diabetes), अवसाद (depression)। अहं के कारण कभी-कभी व्यक्ति आत्महंता (Suicidal) हो जाता है। सही अर्थों मेंयह पतन का रास्ता है। एक English Saying है “Pride goes before fall” meaning that too much confidence and vanity is likely to be followed by misfortune. अहं के पर्दे को हटा कर जब हम दुनिया देखेंगे तो पाएगे कि, यह कितनी सुंदर है । हिन्दी फिल्म ‘आँधी’ बहुत हद तक अहं (Ego) पर बनी है एवं एक प्रसिद्ध हिन्दी सीरियल/फिल्म जो कि शेयर ब्रोकर स्व. हर्षद मेहता की जीवनी पर बना है उसका यह गीत अहं के लिए बिलकुल उपयुक्त है। (Download the song here) “मत कर माया को अहंकार मत कर काया को अभिमान काया गार से कांची” ‘तूफान आता है तो कश्तीयाँ डूब जाती है और अहं आता है हस्तियाँ डूब जाती हैं।‘अहं को दूर रखने का एक बहुत सटीक जुमला है “जाने भी दो यारों” । Healthy Mind a p j abdulkalamblog on lifebloggerdevelopmentEgogenerationhealthy mindlife experiencelife lessonslife preachingsMahabharatmisfortunemother Teresamotivationparentspositive attitudepositive thinkingprogressRamayanaroad accidentsaintsself-respectsuicidaltruthvanitywelfarewriter